
यह बीमारी अत्यधिक स्त्री संभोग, मोटापा बढ़ाने या चर्बी बढ़ने, या किसी प्रकार की अंडकोष संबंधित दुर्घटना या हर्निया, बहुमूत्र आदि के होने से होता है। यदि शराब पीने या नशा करने वाले में भी नपुंसकता आती है। इस बीमारी में मैथुन शक्ति कमजोर होती जाती है। पुरुष में उत्तेजना खत्म होती जाती है और लिंग में तनाव नहीं आता यदि आता भी तो वह शीघ्र ही खत्म हो जाता है इस बीमारी के कारण कई अन्य मानसिक बीमारियां भी हो सकती है। इस बीमारी के घरेलू नुस्खे निम्न है:-
— लहसुन की 6 से 8 कलियों को छिलकर घी में तलकर पीसकर खाएं या बीमारी दूर होती है। कच्ची कलियां( दो) शहद के साथ भी ले सकते हैं।
— प्रातः काल गाय के गर्म दूध के साथ तुलसी के बीज और गुड़ बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से नपुंसकता दूर होती है। दूध में दो छुआरे और किशमिश डालकर पिए।
— शहद +गाय का घी +सफेद प्याज का रस बराबर मात्रा में मिलाकर दूध के साथ ले।
— मुलहट्टी और शहद को बराबर मात्रा में लेकर आधा तोले गाय के घी में लेने से और उसके ऊपर दूध पीने से मिथुन शक्ति बढ़ती है।
— संभोग के बाद थोड़ी सी सौंठ डालकर ओटाया हुआ दूध पीने से शक्ति आती है।
— 1 लीटर दूध में एक तोला शतावर पीसकर डाल दें जब दूध पकते पकते आधा हो जाए तो मिस्त्री डालकर पिए इससे काम इच्छा बढ़ती है और लिंग ढीला नहीं पड़ता है।
— प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से वीर्य बढ़ता है।
— एक कप गाने के रस के साथ गेहूं के दाने के बराबर चूना , पति और पत्नी दोनों को नपुंसकता खत्म करता है। पति में शुक्राणु को बढ़ाता है और पत्नी में अंडाणुओं को बढ़ाता है।
— नक्श वोमिका – 200
— हस्तमैथुन जैसे स्थिति में एक-एक बूंद सुबह दोपहर शाम को दे।
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