
रक्तचाप
व्यक्ति के भोजन न करने से अथवा अधिक आयु होने से निम्न रक्त होता है। यानी कि बुढ़ापे में सामान्य रूप से बीमारी होती है। पाचन तंत्र ठीक न होने से या अधिक सहवास से भी यह बीमारी होती है। मानसिक रूप से असफलता, निराशा और हताशा से भी निम्न रक्तचाप हो सकता है। चक्कर आना, थकान होना, नारी धीरे चलना, मानसिक तनाव, हाथ पैर ठंडे करना इसके लक्षण है। रक्त दबाव की स्थिति में सांस बहुत तेज चलती है, थकावट बहुत लगती है, धूप बहुत लगती है, पसीना बहुत आता है, मन में तनाव बहुत रहता है, नींद नहीं आती है। रक्त दबाव में धमनियों पर दबाव पड़ता है। इसके घरेलू उपाय निम्न है:-
काला या सेंधा नमक
- एक गिलास पानी में 20 ग्राम गुड़, थोड़ा सा काला या सेंधा नमक और नींबू निचोड़कर दिन में 2 से 3 बार पिएं अनार के रस में थोड़ा नमक डालकर पिए गन्ने के रस में थोड़ा नमक डालकर पिए सन्तरे के रस में थोड़ा नमक डालकर पिएं, अनानास के रस में थोड़ा नमक डालकर पिएं , गुड़, मिश्री, मक्खन और काली मिर्च मिलाकर लें ।एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच घी डालकर रोज रात में सोते समय पिएं पानी में नमक डालकर या गुड और नमक दोनों डालकर पिएं।
Table of Contents
2. कच्चे लहसुन का प्रयोग अधिकांश करें। एक या दो कली रोज दांतो से कुचलकर खाएं इससे हर रक्त प्रवाह ठीक रहता है।
3. अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से आराम मिलता है या अर्जुन की छाल के पाउडर को दूध में मिलाएं और गुड़ डालकर पिएं।
4. एक तोला मेथी दाना लेकर उसका काढ़ा बनाएं इसमें शहद मिलाकर चाय की तरह पिए रोग दूर हो जाएगा।
5. अनार का रस, मिश्री डालकर पीने से लाभ पहुंचता है।
चुकंदर का रस
6. चुकंदर का रस नमक डालकर नियमित पीने से लाभ होता है।
7. प्रतिदिन प्याज का सेवन करते रहने से रक्तचाप की समस्या प्रायः नहीं होती है।
8. व्यक्ति के भोजन न करने से अथवा अधिक आयु होने से निम्न रक्त होता है। यानी कि बुढ़ापे में सामान्य रूप से बीमारी होती है। पाचन तंत्र ठीक न होने से या अधिक सहवास से भी यह बीमारी होती है। मानसिक रूप से असफलता, निराशा और हताशा से भी निम्न रक्तचाप हो सकता है। चक्कर आना, थकान होना, नारी धीरे चलना, मानसिक तनाव, हाथ पैर ठंडे करना इसके लक्षण है। रक्त दबाव की स्थिति में सांस बहुत तेज चलती है, थकावट बहुत लगती है, धूप बहुत लगती है, पसीना बहुत आता है, मन में तनाव बहुत रहता है, नींद नहीं आती है। रक्त दबाव में धमनियों पर दबाव पड़ता है। इसके घरेलू उपाय निम्न है:-
9. एक गिलास पानी में 20 ग्राम गुड़, थोड़ा सा काला या सेंधा नमक और नींबू निचोड़कर दिन में 2 से 3 बार पिएं अनार के रस में थोड़ा नमक डालकर पिए गन्ने के रस में थोड़ा नमक डालकर पिए सन्तरे के रस में थोड़ा नमक डालकर पिएं, अनानास के रस में थोड़ा नमक डालकर पिएं , गुड़, मिश्री, मक्खन और काली मिर्च मिलाकर लें ।एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच घी डालकर रोज रात में सोते समय पिएं पानी में नमक डालकर या गुड और नमक दोनों डालकर पिएं।
10. कच्चे लहसुन का प्रयोग अधिकांश करें। एक या दो कली रोज दांतो से कुचलकर खाएं इससे हर रक्त प्रवाह ठीक रहता है।
अर्जुन की छाल
11. अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से आराम मिलता है या अर्जुन की छाल के पाउडर को दूध में मिलाएं और गुड़ डालकर पिएं।
12. एक तोला मेथी दाना लेकर उसका काढ़ा बनाएं इसमें शहद मिलाकर चाय की तरह पिए रोग दूर हो जाएगा।
अनार का रस,
13. अनार का रस, मिश्री डालकर पीने से लाभ पहुंचता है।
14. चुकंदर का रस नमक डालकर नियमित पीने से लाभ होता है।
—15. प्रतिदिन प्याज का सेवन करते रहने से रक्तचाप की समस्या प्रायः नहीं होती है।