मधुमेह (डायबिटीज)

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मधुमेह की बीमारी
आजकल मधुमेह की बीमारी आम बीमारी है। अनुवांशिक डायबिटीज कभी ठीक नहीं होती है। तात्कालिक, जिनका अनुवांशिक नहीं है, उनका ठीक होता है। शुगर होने से वजन तेजी से कम होता है। थोड़ी चोट पर खून बहुत निकलता है। प्यास बहुत लगती है। मूत्र के बाद उसे पर चीटियां आ जाती है। शक्कर का अधिक आना मतलब शुगर का बहुत कम होना। शुगर में मरीज शारीरिक स्वस्थ संबंध अच्छी तरह नहीं रख पाते हैं। डायबिटीज से सबसे तेज जो बिमारी आती है वह है नपुंसकता। जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी होती है तो वह व्यक्ति दिन भर में जितनी भी मीठी चीज खाता है (चीनी ,मिठाई, शक्कर, गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार से नहीं पचती अर्थात उस व्यक्ति का अग्नाशय उचित मात्रा में उन चीजों से इंसुलिन नहीं बना पाता इसीलिए वह चीनी तत्व मूत्र के साथ सीधा निकलता है। इसे पेशाब में शुगर आना भी कहते हैं।
अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना
जिन लोगों को अधिक चिंता, मोह, लालच, तनाव रहते हैं। उन लोगों को मधुमेह की बीमारी अधिक होती है। मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सूखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रोगी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्म/ घाव होने पर बहुत जल्दी नहीं भरता है।
अधिक चक्कर आना
अधिक चक्कर आने पर, गुड़ के रस में नींबू मिलाकर देने पर यदि अच्छा महसूस होता है, मतलब कि उनकी शुगर लो है। जिनकी शुगर कम होती है, उनको गुड़ के रस में नींबू डालकर और थोड़ा नमक डालकर दिन भर में 2 से 3 बार पिलाना चाहिए। शुगर जिनकी बढ़ी हुई है उनको दूध और दूध की बनी कोई भी चीज नहीं खाना चाहिए। गुड़ और काकवी खा सकते हैं। बड़ी हुई शुगर वालों को सूर्यास्त के पहले खाना खा लेना चाहिए। सवेरे का खाना 8 से 9:00 के बीच में शाम का खाना 5 से 6 बजे के बीच में खा लेना चाहिए। फल कोई भी खा सकते हैं। कम शुगर वाला व्यक्ति कुछ भी खा सकता है। भोजन के पहले मीठा खायें भोजन के बाद खट्टा खायें । शुगर कभी नहीं होगी। एल्युमिनियम के बर्तन का खाना कभी नहीं खाना चाहिए। जिस भोजन को सूरज का प्रकाश और पवन का स्पर्श नहीं हुआ है वह जरूर डायबिटीज करेगा। भोजन से पहले भरपूर सलाद खायें। इस बीमारी के घरेलू उपचार निम्नलिखित है:-

मधुमेह
— जामुन मधुमेह के रोगों के लिए सर्वोत्तम दवाई है। सीधे जामुन खाना लाभदायक तो है ही, लेकिन जामुन की गुठली का चूर्ण ताजा पानी के साथ दिन में 2-3 बार लेने पर मधुमेह में बहुत लाभकारी होता है। इसके साथ जामुन के हरे पत्तों की चटनी बनाकर एक गिलास पानी में प्रतिदिन पीने से लाभ होता है।
— प्रतिदिन रात्रि विश्राम से पहले शहर के साथ त्रिफला चूर्ण लेने से लाभ होता है।
करेले के पत्तों का रस
— करेले के पत्तों का रस प्रतिदिन लेने से मधुमेह में आराम मिलता है।
— जामुन बीज और करेले का बीज बराबर मात्रा में लेना है। दोनों का पाउडर मिलने के बाद एक चम्मच खाना खाने के 1 घंटे पहले या आधे घंटे बाद मुंह में डालकर चूसना है ताकि लार के साथ औषधि पेट में जाए। दूसरी विधि खाने कि खाना खाने के साथ एक चम्मच पाउडर गरम पानी के साथ पी लेना है।
— रात में गर्म पानी में दो चम्मच मेथी दाना भिगोना है और सुबह उठकर उसका पानी सुबह-सुबह खाली पेट पीना है और ऊपर से मेथी दाना चबा-चबाकर खाना है।
— 100 ग्राम मेथी दाना+ 100 ग्राम तेज पत्ता+ 100 ग्राम नीम की निंबोली +100 ग्राम जमुना की गुठली+ 100 ग्राम करेला का बीज+ 100 ग्राम आंवला+ 100 ग्राम बेलपत्र+ 100 ग्राम गुड़मार बूटी +50 ग्राम कुटकी +100 ग्राम दारू हल्दी +10 ग्राम बंग भस्म+ 20 ग्राम शिलाजीत सबको चूर्ण बनाकर सुबह शाम खाने से 1 घंटे पहले या बाद में दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लेना है।
— फाइबर युक्त और रेशेदार वस्तुएं ज्यादा खाए और फैट बढ़ाने वाली चीज है कम खाएं।