
अत्यधिक धूल, तीव्र प्रकाश और दूषित पर्यावरण के कारण रतौंधी होती है। इसमें रोगी को रात्रि में बिल्कुल नहीं दिखाई देता तथा दिन में ठीक दिखाई देता है। इसके घरेलू उपचार निम्नलिखित है:-
— सफेद प्याज का रस आंखों में डालने से रतौंधी में लाभ होता है।
— देसी गाय का मूत्र आंखों में डालने से काफी लाभ होता है।
— हरे धनिया का रस आंखों में डालने से लाभ होता है।
— आंखों में शुद्ध शहद लगाने से भी काफी आराम मिलता है।
— बथुए के पत्तों का रस आंखों में डालने से रतौंधी ठीक होती है।
— दूब का रस आंखों में डालने से काफी आराम मिलता है।
— करेले के पत्तों के रस में थोड़ा काली मिर्च पीसकर मिलाएं और आंखों के बाहरी हिस्सों पर लगाएं।
इस बीमारी में आंखों की पुतली पर सफेदी आती है और रोगी की दृष्टि धुंधली पड़ जाती है। कोई भी चीज स्पष्ट नहीं दिखाई देती। यह रोग प्रातः वृद्ध अवस्था में होता है। इसको ठीक करने के घरेलू नुस्खे निम्नलिखित हैं:-
— सुबह शाम एक गिलास गाजर का रस पीने से मोतियाबिंद में लाभ होता है।
— रात में पानी से भिगोई हुई लहसुन के कलियों को प्रातः काल उठकर खाए और पानी पिए मोतियाबिंद में लाभ होगा।
— शुद्ध शहद आंखों में लगाने से भी मोतियाबिंद में लाभ होता है।
— सूखा धनिया और सौंफ और देसी शक्कर बराबर मात्रा में मिलकर पाउडर बनाएं सुबह शाम जल से सेवन करें।
— अंकुरित गेहूं और अंकुरित चना खाने से मोतियाबिंद में लाभ होता है।
— सफेद प्याज का रस और शहद एक अनुपात दो की मात्रा में गुलाब जल में मिलये और आंखों में डालने से मोतियाबिंद दूर होता है।