1. खेत की मिट्टी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का खजाना है। जो भोजन खेत में पकने में जितना समय लेता है उसके हिसाब से घर में पकने में भी समय लेता है। यह प्रकृति का सिद्धांत है। मिट्टी पवित्र होती है। हमारा शरीर मिट्टी से बना है इसीलिए हमारे शरीर को जिन सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है वह मिट्टी से पाए जाते हैं और हमारे शरीर को जलने के बाद मात्र 20 ग्राम मिट्टी राख में बदल जाती है। इस रात में वही माइक्रो न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो मिट्टी में होते हैं।

2. मिट्टी के बर्तन में पका हुआ भोजन खाएं। मिट्टी के बर्तन में पका हुआ भोजन जल्दी खराब नहीं होता है और इसको पकने में एक भी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स कम नहीं होते है। मिट्टी, कांंसे पीतल या स्टील के खुले बर्तन में खाना पकाएं। मिट्टी के बर्तन में 100%, कांसे के बर्तन में 96% और पीतल के बर्तन में 93% माइक्रो न्यूट्रिएंट्स बचते हैं।

3. मिट्टी के बर्तन बायोडिग्रेडेबल है क्योंकि इन नष्ट होने के बाद पुनः मिट्टी में मिल जाते हैं। डायबिटीज के मरीजों को मिट्टी के बर्तन में पका हुआ भोजन ही करना चाहिए। TVS ग्रुप जो हजारों करोड़ों के एंपायर का मालिक है उनके घर में मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल होते हैं। रिलायंस ग्रुप की मालकिन कोकिला बहन रोटी मिट्टी के तवे पर बनाती है।

4. शरीर को बनाने में शुक्र पोषक तत्व की भूमिका में कैल्शियम, फास्फोरस,आयरन इसी तरह के 18 तत्व शरीर में होते हैं। जिन लोगों के पीठ पर कुंवर निकल आता है, उनको शरीर में फास्फोरस की बहुत कमी होती है। शरीर में खून की कमी आयरन की कमी के कारण होती है। दमा और अस्थमा की स्थिति में शरीर में सल्फर की कमी होती है।

5. सबसे अच्छे बर्तन मिट्टी के होते हैं कांच के बर्तन या वस्तुएं मिट्टी से बनते हैं शरीर में पाए जाने वाले सभी 18 सूक्ष्म पोषक तत्व मिट्टी में भी होते हैं इसलिए मिट्टी शरीर के आवश्यक सभी सूक्ष्म पोषक तत्वों की मां है। फास्फोरस सल्फर, जिंक मैग्निशियम, मैंगनीज, आयरन जैसे तत्व मिट्टी से ही मिलते हैं। मिट्टी ने लाखों करोड़ों साल से सूरज की धूप में जो तपस्या की है उसी का यह परिणाम है कि सभी पोषक तत्व मिट्टी में विद्यमान हैं जो कि किसी भी जीव को चाहिए जो इस मिट्टी से किसी ना किसी रूप से जुड़ा है। कैल्शियम और आयरन की कमी के कारण ज्यादातर बच्चे ऑपरेशन के द्वारा पैदा होते हैं सीजर करवाने वाली हर स्त्री को दर्द से छुटकारा कभी नहीं मिलता है।

6. शुद्ध लोहे का बर्तन ज्यादा अच्छा होता है स्टेनलेस स्टील के बर्तनों की तुलना में। लोहे की कढ़ाई या अन्य बर्तन साफ करने के पहले नींबू निचोड़ दें और उनके छिलकों से रिश्ते, उनके बाद बर्तन साफ करें। काली मिट्टी का तवा मक्की की रोटी के लिए सबसे अच्छा होता है। लाल मिट्टी का तवा गेहूं की रोटी के लिए सबसे अच्छा होता है तथा पीली मिट्टी का तवा बाजरे की रोटी के लिए सबसे अच्छा होता है।

7. भारत के ज्यादातर मंदिरों में प्रसाद मिट्टी के बर्तन में ही बनता है। भारत में गुजरात, राजस्थान और भी कई राज्यों में करोड़ों लोग आज भी मिट्टी के बर्तन में खाना पकाते हैं। मिट्टी उष्मा की कुचालक है।

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