
1. लार दुनिया की सबसे अच्छी औषधि है। इसमें औषधीय गुण बहुत अधिक है। किसी चोट पर लार लगाने से चोट ठीक हो जाती है। लार पैदा होने में एक लाख ग्रंथियों का काम होता है। जब कफ बहुत बढा़ हुआ हो तभी आप थूक सकते हैं अन्यथा लार कभी नहीं थूकना चाहिए। सुबह की लार बहुत क्षारीय होती है। इसका PH 8.4 के आस पास होता है.
2. पान बिना कथा, सुपारी और जर्दे ,(तंबाकू) का खाना चाहिए जिससे कि उसकी लार को थूकना ना पड़े। कत्था और जर्दा कैंसर करता है इसीलिए इसे लार के साथ अंदर नहीं ले सकते हैं। गहरे रंग की वनस्पतियां कैंसर, मधुमेह, अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाती है। पान कफ और पित दोनों का नाश करता है। चूना वात का नाश करता है। जिस वनस्पति का रंग जितना ज्यादा गहरा हो वह उतनी ही बड़ी औषधि है।
3. देसी पान (गहरे रंग वाला जो कसेला हो) गेहूं के दाने के बराबर चूना मिलाएं, सौंफ मिलाएं, अजवाइन डालें,बड़ी इलायची, गुलाब के फूल का रस (गुलकंद) मिलाकर खाएं।
4. ब्रह्म मुहूर्त की लार अथवा सुबह उठते ही मुंह में जो लार होती है, वह बाकी के समय से ज्यादा फायदेमंद होती है। इसलिए सुबह उठते ही ये लार अंदर जानी ही चाहिए।
5. शरीर के घाव जो कि किसी दवा से ठीक नहीं हो रहे हो, उस पर सुबह उठते ही अपनी बासी मुंह की लार लगानी चाहिए 15 से 20 दिन में घाव भरने लगता है और 3 महीने के अंदर घाव पूरी तरह ठीक हो जाएगा। गैंग्रीन जैसी बीमारी 2 साल में ठीक हो जाएगी। जानवर अपना सब घाव चाट चाट कर ठीक कर लेते हैं।
6. लार में वही 18 पोषक तत्व होते हैं जो कि मिट्टी में होते हैं। शरीर का किसी भी प्रकार के दाग धब्बे हो, सुबह की लार लगाने लगाते रहने से 1 साल के अंदर सब ठीक कर देती है। एक्जिमा और सोराइसिस जैसी बीमारियों को भी सुबह की लार से ठीक हो सकते हैं। 1 साल के अंदर परिणाम मिल जाते हैं।
7. सुबह की लार आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों के चश्में उतर जाते हैं। आंखें लाल होने की बीमारी सुबह की लार लगाने से 24 घंटे के अंदर ठीक होती है। सुबह सुबह की लार, आंखें टेढ़ी हो अथवा आंखों में भेंगापन की बीमारी हो, को सही कर देती है।
8. आंखों के नीचे के काले धब्बों के लिए रोज सुबह की लार (बासी) लगाएं। सुबह उठने के 48 मिनट के बाद मुंह की लार की क्षारीयता कम हो जाती है।
9. जितने की टूथपेस्ट है सब एंटी एल्कलाइन है। इसमें एक केमिकल होता है, सोडियम लारेल सल्फेट जो लार की ग्रंथियों को पूरी तरह से सुखा देता है। नीम की दातुन चबाते समय बनने वाली लार को पीते रहना चाहिए।