“आहार और तासीर: खाने के सही तरीके और विरोधी वस्तुएं” (anti-diet)

white and brown cooked dish on white ceramic bowls
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खाने के सही तरीके

1. खाने के सही तरीके द्विदल के साथ दही का निषेध है। दाल के साथ दही की तासीर बदल कर खायें। तस्वीर बदलने के लिए जीरा+ काला नमक या सेंधा नमक+ अजवाइन का छौंक या बघार दें। उसके बाद ही दही मट्ठा या छाछ पायें। गरम भोजन और ठंडी आइसक्रीम कभी ना करें।

2. खाने में दो विरोध वस्तुएं एक साथ कभी ना खाएं, जिनका गुण और दोष एक दूसरे के विरुद्ध हो।

3. कुल 103 वस्तुएं हैं जो एक दूसरे के बिलकुल खिलाफ हैं।जैसे प्याज और दूध। दूध और प्याज एक साथ खाने से कम से कम 20 बीमारियां आयेंगी। जिनमें त्वचा की बीमारियां ज्यादा होंगी । सोराइसिस ,एक्जिमा ,खाज, खुजली जैसी बीमारियां अधिक होंगी।

4. खाने के सही तरीके दूध और कटहल कभी ना खाएं । दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं। कटहल क्षारीय होते हुये भी निषिद्ध माना गया है। कटहल में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिसे पचाने के लिए आवश्यक है कि इसे अकेला खांए।

5. दूध और खट्टे फल या उसके रस के साथ एक साथ कभी ना खाए जैसे संतरा मौसमी अंगूर आदि। पके हुए मीठे आम के साथ दूध खा सकते हैं। सेव या गाजर खा सकते हैं। चीकू केला दूध के साथ खा सकते हैं। आंवले को छोड़कर भगवान के द्वारा बनाई गई साड़ी खट्टी वस्तुएं दूध की जानी दुश्मन है। खट्टा आम दूध के साथ नहीं खा सकते हैं

6. शहद और घी एक साथ ना खाएं। यह दुनिया का सबसे खराब जहर है

आहार और तासीर

7. उड़द की दाल और दही कभी भी एक साथ ना खायें । उड़द की दाल, दालों का राजा है। इसीलिए इसे अकेला ही खायें। 6 या 8 महीने तक लगातार उड़द की दाल और दही खाने से हृदयाघात जैसी बीमारियां हो सकती हैं। बड़ा यादी उड़द की दाल का है तो दही वड़ा कभी ना खायें । मूंग की दाल का बड़ा खा सकते हैं। लेकिन दही /खट्टा जो भी हो, बघाड़ा हुआ हो। उड़द की दाल का बड़ा चटनी से ही खा सकते हैं

8. मां की दाल (उड़द की दाल) में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है। कोई भी एसिडिक चीज हुई प्रोटीन को पहुंचने में रुकावट पैदा करती है ।अतः उड़द की दाल अकेले खाएं। यदि खाना जरूरी हो तो डेढ़ घंटे का अंतर रखें।

9.खाने के सही तरीके शहद और घी में गाय का मूत्र या उसके गोबर का रस मिलाकर कहीं-कहीं बच्चों के जन्म के संस्कार के समय दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। बच्चे को यदि चटाना है तो खाली भी चटाया अथवा सहज चढ़ाएं।

10. किसी ऐसी स्थिति में जिसमें विष दवा का कार्य करता है तो ऐसी स्थिति में बच्चों को घी और शहद एक साथ दे सकते हैं जैसे कुछ बच्चों को पैदा होने के बाद उसका शरीर तेजी से तांबे के रंग में बदलने लगता है तो ऐसी अवस्था में उस बच्चे को भी और शहद मिलाकर मिलाकर अवश्य देना चाहिए। इसीलिए सामान्य बच्चे के लिए यह ठीक नहीं है।

11. आयुर्वेदिक दवाओं के साथ अंग्रेजी दवाई नहीं लेना चाहिए, नहीं तो इसके परिणाम खराब हो सकते है।

12. दो विरोधी वस्तुएं साथ में कभी न खाएं। जैसे दूध और दही साथ में नहीं खा सकते हैं। दूध और दही की बनाई हुई कोई भी वस्तु साथ में ना खाएं। क्योंकि दोनों की प्रकृति अलग है। कढ़ी और खीर एक साथ नहीं खा सकते हैं।

poke bowl with salmon
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विरोधी वस्तुएं” (anti-diet)

13. शहद और घी एक साथ कभी न खाएं।

14. गुड और भी साथ में जरूर खाएं। दो विरुद्ध आहारों के बीच कम से कम डेढ़ घंटे का अंतर होना चाहिए।

15. दही हमेशा मिट्ठी चीजों के साथ खाना चाहिए, चीनी को छोड़कर। नमक के साथ दही कभी न खाएं। दही को जीवाणुओं के लिए खाया जाता है। दहीं करोड़ों जीवाणुओं का घर है। नमक डालने से दही के सारे जीवाणु मर जाते हैं, जिनके कारण दही के खाने का कोई फायदा नहीं होता है।

16. दूध खाते या पीते हुए कोई भी नमक की चीज प्रयोग न करें या दूध की बनी कोई भी चीज नमक के साथ ना खाए सेंधा या काला नमक को छोड़कर।

17. तासीर में गर्म और उसके विपरीत ठंडी दोनों चीजें एक साथ कभी न खाएं। कुल्फी खां सकते हैं, रबड़ी खा सकते हैं। कुल्फी थोड़ा गर्म करके खाए या कुल्फी को धीरे-धीरे खाना चाहिए यानि कुल्फी को थोड़ी देर मुंह में रखने के बाद खाएं।

अनुवाद:

1. दो विरुद्ध वस्तुओं के साथ आहार: खाने के सही तरीके।

2. हर और तासीर:आयुर्वेदिक सलाह

3. दही और दूध के साथ शहर के फायदे और नुकसान।

4. गुड और उसके स्वास्थ लाभ: सही समय पर खाने का महत्व।

5. हर के साथ विरोधी वस्तुओं का पालन कैसे करें।

6. आहार और तासीर: गर्म और ठंडी चीजों के साथ सावधानी।

7. आयुर्वेदिक दावों के साथ अंग्रेजी दवा का संयोजन ना करें।

8. दही और दूध के साथ नमक के प्रयोग से बचें।

9. दही का सही तरीका से उपयोग: नमक की चीजों के साथ सावधानी।

10. गुड़ के साथ और समय पर खाएं: स्वास्थ के लिए फायदेमंद।

flat lay photography of vegetable salad on plate
Photo by Ella Olsson on Pexels.com

1. द्विदल के साथ दही का निषेध है। दाल के साथ दही की तासीर बदल कर खायें। तस्वीर बदलने के लिए जीरा+ काला नमक या सेंधा नमक+ अजवाइन का छौंक या बघार दें। उसके बाद ही दही मट्ठा या छाछ पायें। गरम भोजन और ठंडी आइसक्रीम कभी ना करें।

2. खाने में दो विरोध वस्तुएं एक साथ कभी ना खाएं, जिनका गुण और दोष एक दूसरे के विरुद्ध हो।

3. कुल 103 वस्तुएं हैं जो एक दूसरे के बिलकुल खिलाफ हैं।जैसे प्याज और दूध। दूध और प्याज एक साथ खाने से कम से कम 20 बीमारियां आयेंगी। जिनमें त्वचा की बीमारियां ज्यादा होंगी । सोराइसिस ,एक्जिमा ,खाज, खुजली जैसी बीमारियां अधिक होंगी।

4. दूध और कटहल कभी ना खाएं । दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं। कटहल क्षारीय होते हुये भी निषिद्ध माना गया है। कटहल में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिसे पचाने के लिए आवश्यक है कि इसे अकेला खांए।

5. खाने के सही तरीके दूध और खट्टे फल या उसके रस के साथ एक साथ कभी ना खाए जैसे संतरा मौसमी अंगूर आदि। पके हुए मीठे आम के साथ दूध खा सकते हैं। सेव या गाजर खा सकते हैं। चीकू केला दूध के साथ खा सकते हैं। आंवले को छोड़कर भगवान के द्वारा बनाई गई साड़ी खट्टी वस्तुएं दूध की जानी दुश्मन है। खट्टा आम दूध के साथ नहीं खा सकते हैं

6. शहद और घी एक साथ ना खाएं। यह दुनिया का सबसे खराब जहर है

7. उड़द की दाल और दही कभी भी एक साथ ना खायें । उड़द की दाल, दालों का राजा है। इसीलिए इसे अकेला ही खायें। 6 या 8 महीने तक लगातार उड़द की दाल और दही खाने से हृदयाघात जैसी बीमारियां हो सकती हैं। बड़ा यादी उड़द की दाल का है तो दही वड़ा कभी ना खायें । मूंग की दाल का बड़ा खा सकते हैं। लेकिन दही /खट्टा जो भी हो, बघाड़ा हुआ हो। उड़द की दाल का बड़ा चटनी से ही खा सकते हैं

8. मां की दाल (उड़द की दाल) में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है। कोई भी एसिडिक चीज हुई प्रोटीन को पहुंचने में रुकावट पैदा करती है ।अतः उड़द की दाल अकेले खाएं। यदि खाना जरूरी हो तो डेढ़ घंटे का अंतर रखें।

9. शहद और घी में गाय का मूत्र या उसके गोबर का रस मिलाकर कहीं-कहीं बच्चों के जन्म के संस्कार के समय दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। बच्चे को यदि चटाना है तो खाली भी चटाया अथवा सहज चढ़ाएं।

10. किसी ऐसी स्थिति में जिसमें विष दवा का कार्य करता है तो ऐसी स्थिति में बच्चों को घी और शहद एक साथ दे सकते हैं जैसे कुछ बच्चों को पैदा होने के बाद उसका शरीर तेजी से तांबे के रंग में बदलने लगता है तो ऐसी अवस्था में उस बच्चे को भी और शहद मिलाकर मिलाकर अवश्य देना चाहिए। इसीलिए सामान्य बच्चे के लिए यह ठीक नहीं है।

11. आयुर्वेदिक दवाओं के साथ अंग्रेजी दवाई नहीं लेना चाहिए, नहीं तो इसके परिणाम खराब हो सकते है।

12. दो विरोधी वस्तुएं साथ में कभी न खाएं। जैसे दूध और दही साथ में नहीं खा सकते हैं। दूध और दही की बनाई हुई कोई भी वस्तु साथ में ना खाएं। क्योंकि दोनों की प्रकृति अलग है। कढ़ी और खीर एक साथ नहीं खा सकते हैं।

13.खाने के सही तरीके शहद और घी एक साथ कभी न खाएं।

14. गुड और भी साथ में जरूर खाएं। दो विरुद्ध आहारों के बीच कम से कम डेढ़ घंटे का अंतर होना चाहिए।

15. दही हमेशा मिट्ठी चीजों के साथ खाना चाहिए, चीनी को छोड़कर। नमक के साथ दही कभी न खाएं। दही को जीवाणुओं के लिए खाया जाता है। दहीं करोड़ों जीवाणुओं का घर है। नमक डालने से दही के सारे जीवाणु मर जाते हैं, जिनके कारण दही के खाने का कोई फायदा नहीं होता है।

16. दूध खाते या पीते हुए कोई भी नमक की चीज प्रयोग न करें या दूध की बनी कोई भी चीज नमक के साथ ना खाए सेंधा या काला नमक को छोड़कर।

17. तासीर में गर्म और उसके विपरीत ठंडी दोनों चीजें एक साथ कभी न खाएं। कुल्फी खां सकते हैं, रबड़ी खा सकते हैं। कुल्फी थोड़ा गर्म करके खाए या कुल्फी को धीरे-धीरे खाना चाहिए यानि कुल्फी को थोड़ी देर मुंह में रखने के बाद खाएं।

अनुवाद:

1. दो विरुद्ध वस्तुओं के साथ आहार: खाने के सही तरीके।

2. हर और तासीर:आयुर्वेदिक सलाह

3. दही और दूध के साथ शहर के फायदे और नुकसान।

4. गुड और उसके स्वास्थ लाभ: सही समय पर खाने का महत्व।

5. हर के साथ विरोधी वस्तुओं का पालन कैसे करें।

6. आहार और तासीर: गर्म और ठंडी चीजों के साथ सावधानी।

7. आयुर्वेदिक दावों के साथ अंग्रेजी दवा का संयोजन ना करें।

8. दही और दूध के साथ नमक के प्रयोग से बचें।

9. दही का सही तरीका से उपयोग: नमक की चीजों के साथ सावधानी।

10. गुड़ के साथ और समय पर खाएं: स्वास्थ के लिए फायदेमंद।

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