
अर्थराइटिस के घरेलू इलाज
— अर्थराइटिस के मरीज को ऑपरेशन कभी नहीं करना चाहिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी को देख लें। ऑपरेशन करने पर उनकी तकलीफ और ज्यादा बढ़ गई है।
— अर्थराइटिस के मरीज एक दिन में 2 ग्राम चुना खा सकते हैं और स्वस्थ आदमी एक ग्राम ही चुनाव खाएं, दही के साथ, छाछ के साथ या पानी में मिलाकर।
— मेथी दाना रात को गर्म पानी में भिगो दे और सुबह उठते ही पानी पी लें और मेथी दाना चबा-चबा कर खा लें।
— गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर और थोड़ी हड़द मिलकर हमेशा शाम को लेना है।
मेथी+ हल्दी+ सोंठ
— मेथी+ हल्दी+ सोंठ बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बना लेना है और एक चम्मच रोज सुबह खाली पेट कम से कम डेट दो घंटे तक पीना है।
पारिजात के पेड़
— सबसे क्षारिया है हार – श्रृंगार का पेड़ या पारिजात के पेड़ के पत्ते, 5 से 7 पत्ते की पत्थर पर पीसकर चटनी बनानी हैं। और एक गिलास पानी में तब तक उबालना है जब तक की पानी आधा गिलास ना हो जाए, उसके बाद उसे चाय की तरह रोज सुबह खाली पेट कुछ भी खाने से 1 घंटे पहले पीना है। 15 से 20 दिन में बीमारी से आराम मिलना शुरू हो जाएगा। दोनों ही अर्थराइटिस (रिम्यूटेड और औस्टीयों )के केस में ,20-20 साल पुराना गठिया का दर्द इसे ठीक होता है। रात में बना लें, सुबह पिला दें, 3 महीने तक।
— कार्टीलेज और Rh फैक्टर की समस्या के लिए भी पारिजात के पत्ते का काढ़ा काम में आता है। हिप जॉइंट्स या नी जॉइंट्स निकालने की स्थिति आ जाती है तो आज से यही दवा नियमित रूप से सेवन करें।
आइसक्रीम कभी ना खाएं
— आइसक्रीम कभी ना खाएं और यदि कभी मजबूरी में खा लिए तो ऊपर से गर्म पानी में घी मिलाकर पी लीजिए इससे आइसक्रीम का दुष्प्रभाव शरीर में काम होगा।
— दालचीनी + सोंठ का काढ़ा गुड़ मिलाकर जरूर पिएं जिनको भी अर्थराइटिस हो। यही अस्थमा के लोग भी पी सकते हैं। रोज सुबह कुछ भी खाने से 1 घंटे पहले सुबह-सुबह।
मूंगफली और तिल
— मूंगफली और तिल रोज खाएं, खाना खाने के बाद तिल और गुड़ जरूर खाएं, कला तिल मिले तो बहुत अच्छा होगा। खासकर उन लोगों के लिए जो अर्थराइटिस, अस्थमा, मोटापा और हृदयघात जैसे बीमारियों से बचना चाहते हैं। हड्डियों के किसी भी रोग के लिए चुना खाएं।
— एडी का दर्द और कुहनी का दर्द पानी घुंट घुंट कर पीने से ठीक हो जाएगा।
अर्थराइटिस के मरीज को ऑपरेशन कभी नहीं करना चाहिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी को देख लें। ऑपरेशन करने पर उनकी तकलीफ और ज्यादा बढ़ गई है।
— अर्थराइटिस के मरीज एक दिन में 2 ग्राम चुना खा सकते हैं और स्वस्थ आदमी एक ग्राम ही चुनाव खाएं, दही के साथ, छाछ के साथ या पानी में मिलाकर।
मेथी दाना
— मेथी दाना रात को गर्म पानी में भिगो दे और सुबह उठते ही पानी पी लें और मेथी दाना चबा-चबा कर खा लें।
— गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर और थोड़ी हड़द मिलकर हमेशा शाम को लेना है।
— मेथी+ हल्दी+ सोंठ बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बना लेना है और एक चम्मच रोज सुबह खाली पेट कम से कम डेट दो घंटे तक पीना है।
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— सबसे क्षारिया है हार – श्रृंगार का पेड़ या पारिजात के पेड़ के पत्ते, 5 से 7 पत्ते की पत्थर पर पीसकर चटनी बनानी हैं। और एक गिलास पानी में तब तक उबालना है जब तक की पानी आधा गिलास ना हो जाए, उसके बाद उसे चाय की तरह रोज सुबह खाली पेट कुछ भी खाने से 1 घंटे पहले पीना है। 15 से 20 दिन में बीमारी से आराम मिलना शुरू हो जाएगा। दोनों ही अर्थराइटिस (रिम्यूटेड और औस्टीयों )के केस में ,20-20 साल पुराना गठिया का दर्द इसे ठीक होता है। रात में बना लें, सुबह पिला दें, 3 महीने तक।
— कार्टीलेज और Rh फैक्टर की समस्या के लिए भी पारिजात के पत्ते का काढ़ा काम में आता है। हिप जॉइंट्स या नी जॉइंट्स निकालने की स्थिति आ जाती है तो आज से यही दवा नियमित रूप से सेवन करें।
— आइसक्रीम कभी ना खाएं और यदि कभी मजबूरी में खा लिए तो ऊपर से गर्म पानी में घी मिलाकर पी लीजिए इससे आइसक्रीम का दुष्प्रभाव शरीर में काम होगा।
— दालचीनी + सोंठ का काढ़ा गुड़ मिलाकर जरूर पिएं जिनको भी अर्थराइटिस हो। यही अस्थमा के लोग भी पी सकते हैं। रोज सुबह कुछ भी खाने से 1 घंटे पहले सुबह-सुबह।
— मूंगफली और तिल रोज खाएं, खाना खाने के बाद तिल और गुड़ जरूर खाएं, कला तिल मिले तो बहुत अच्छा होगा। खासकर उन लोगों के लिए जो अर्थराइटिस, अस्थमा, मोटापा और हृदयघात जैसे बीमारियों से बचना चाहते हैं। हड्डियों के किसी भी रोग के लिए चुना खाएं।
— एडी का दर्द और कुहनी का दर्द पानी घुंट घुंट कर पीने से ठीक हो जाएगा।