“चीनी और उसके दुष्प्रभाव: स्वास्थ्य के लिए गुड का महत्व”

चीनी और उसके दुष्प्रभाव

strawberry beside spoon of sugar
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— चीनी और उसके दुष्प्रभाव चीनी कभी न खायें। चीनी में शरीर को काम आने वाला एक भी पोषक तत्व नहीं होता है। चीनी का मीठापन सुक्रोज के कारण होता है जो कि शरीर में हजम नहीं होता है। बहुत मुश्किल से होता है जिसके साथ इसे आप खाओगे उसे भी ये हजम नहीं होने देगा। जो मीठापन हमारे काम का है उसका नाम फरक्टोर्स। चीनी को छोड़कर भगवान की बनाई हर मीठी चीज में फ्रॉकटोर्स होता है। सभी फलों में मीठापन फर्क्टोस के कारण होता है। चीनी तभी से भारत में आई है जब से अंग्रेज आये हैं। 1868 में सबसे पहली चीनी मिल लगी। पहले इसे मुफ्त में बंटवायी गई । चीनी से मोटापा बढ़ता है। चीनी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे 103 बीमारियां आती है। चीनी छोड़ने के बाद घुटने का दर्द, कमर दर्द, गर्दन का दर्द सब में आराम मिलेगा। माइग्रेन सर्दी जुकाम, नींद अच्छी आएगी। स्नोफीलिया, साइनस जैसी बीमारियों से भी लाभ मिलने लगेगा। चीनी बनाने में पानी बहुत बर्बाद होता है। चीनी मिलों के कचरे से वातावरण बहुत प्रदूषित होता है।

चीनी में सबसे ज्यादा सल्फर पाया जाता है। जिसे हिंदी में गंधक कहते हैं। जो कि पटाखे बनाने में इस्तेमाल होता है। ये सल्फर अंदर जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है।

टीवी या किसी भी प्रकार से प्रचारित की जाने वाली वस्तुओं के प्रयोग से बचें या सेवन ना करें। प्रयोग करने से पूर्व उस वस्तु के बनाने की विधि अवश्य जान ले।

गुड़ में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि सभी पोषक तत्व है। गुड़ बनने के लिए बाहर से कुछ भी मिलाया नहीं जाता है। भोजन के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं क्योंकि ये भोजन को पचाने में बहुत मदद करता है

person pouring powdered sugar in a bowl
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स्वास्थ्य के लिए गुड का महत्व

चीनी कभी न खायें। चीनी में शरीर को काम आने वाला एक भी पोषक तत्व नहीं होता है। चीनी का मीठापन सुक्रोज के कारण होता है जो कि शरीर में हजम नहीं होता है। बहुत मुश्किल से होता है जिसके साथ इसे आप खाओगे उसे भी ये हजम नहीं होने देगा। जो मीठापन हमारे काम का है उसका नाम फरक्टोर्स। चीनी को छोड़कर भगवान की बनाई हर मीठी चीज में फ्रॉकटोर्स होता है। सभी फलों में मीठापन फर्क्टोस के कारण होता है। चीनी तभी से भारत में आई है जब से अंग्रेज आये हैं। 1868 में सबसे पहली चीनी मिल लगी। पहले इसे मुफ्त में बंटवायी गई । चीनी से मोटापा बढ़ता है। चीनी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे 103 बीमारियां आती है। चीनी छोड़ने के बाद घुटने का दर्द, कमर दर्द, गर्दन का दर्द सब में आराम मिलेगा। माइग्रेन सर्दी जुकाम, नींद अच्छी आएगी। स्नोफीलिया, साइनस जैसी बीमारियों से भी लाभ मिलने लगेगा। चीनी बनाने में पानी बहुत बर्बाद होता है। चीनी मिलों के कचरे से वातावरण बहुत प्रदूषित होता है।

चीनी में सबसे ज्यादा सल्फर पाया जाता है। जिसे हिंदी में गंधक कहते हैं। जो कि पटाखे बनाने में इस्तेमाल होता है। ये सल्फर अंदर जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है।

टीवी या किसी भी प्रकार से प्रचारित की जाने वाली वस्तुओं के प्रयोग से बचें या सेवन ना करें। प्रयोग करने से पूर्व उस वस्तु के बनाने की विधि अवश्य जान ले।

गुड़ में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि सभी पोषक तत्व है। गुड़ बनने के लिए बाहर से कुछ भी मिलाया नहीं जाता है। भोजन के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं क्योंकि ये भोजन को पचाने में बहुत मदद करता है

चीनी कभी न खायें। चीनी में शरीर को काम आने वाला एक भी पोषक तत्व नहीं होता है। चीनी का मीठापन सुक्रोज के कारण होता है जो कि शरीर में हजम नहीं होता है। बहुत मुश्किल से होता है जिसके साथ इसे आप खाओगे उसे भी ये हजम नहीं होने देगा। जो मीठापन हमारे काम का है उसका नाम फरक्टोर्स। चीनी को छोड़कर भगवान की बनाई हर मीठी चीज में फ्रॉकटोर्स होता है। सभी फलों में मीठापन फर्क्टोस के कारण होता है। चीनी तभी से भारत में आई है जब से अंग्रेज आये हैं। 1868 में सबसे पहली चीनी मिल लगी। पहले इसे मुफ्त में बंटवायी गई । चीनी से मोटापा बढ़ता है। चीनी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे 103 बीमारियां आती है। चीनी छोड़ने के बाद घुटने का दर्द, कमर दर्द, गर्दन का दर्द सब में आराम मिलेगा। माइग्रेन सर्दी जुकाम, नींद अच्छी आएगी। स्नोफीलिया, साइनस जैसी बीमारियों से भी लाभ मिलने लगेगा। चीनी बनाने में पानी बहुत बर्बाद होता है। चीनी मिलों के कचरे से वातावरण बहुत प्रदूषित होता है।

चीनी में सबसे ज्यादा सल्फर पाया जाता है। जिसे हिंदी में गंधक कहते हैं। जो कि पटाखे बनाने में इस्तेमाल होता है। ये सल्फर अंदर जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है।

टीवी या किसी भी प्रकार से प्रचारित की जाने वाली वस्तुओं के प्रयोग से बचें या सेवन ना करें। प्रयोग करने से पूर्व उस वस्तु के बनाने की विधि अवश्य जान ले।

गुड़ में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि सभी पोषक तत्व है। गुड़ बनने के लिए बाहर से कुछ भी मिलाया नहीं जाता है। भोजन के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं क्योंकि ये भोजन को पचाने में बहुत मदद करता है

close up photo of sugar cubes in glass jar
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चीनी कभी न खायें

चीनी कभी न खायें। चीनी में शरीर को काम आने वाला एक भी पोषक तत्व नहीं होता है। चीनी का मीठापन सुक्रोज के कारण होता है जो कि शरीर में हजम नहीं होता है। बहुत मुश्किल से होता है जिसके साथ इसे आप खाओगे उसे भी ये हजम नहीं होने देगा। जो मीठापन हमारे काम का है उसका नाम फरक्टोर्स। चीनी को छोड़कर भगवान की बनाई हर मीठी चीज में फ्रॉकटोर्स होता है। सभी फलों में मीठापन फर्क्टोस के कारण होता है। चीनी तभी से भारत में आई है जब से अंग्रेज आये हैं। 1868 में सबसे पहली चीनी मिल लगी। पहले इसे मुफ्त में बंटवायी गई । चीनी से मोटापा बढ़ता है। चीनी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे 103 बीमारियां आती है। चीनी छोड़ने के बाद घुटने का दर्द, कमर दर्द, गर्दन का दर्द सब में आराम मिलेगा। माइग्रेन सर्दी जुकाम, नींद अच्छी आएगी। स्नोफीलिया, साइनस जैसी बीमारियों से भी लाभ मिलने लगेगा। चीनी बनाने में पानी बहुत बर्बाद होता है। चीनी मिलों के कचरे से वातावरण बहुत प्रदूषित होता है।

चीनी में सबसे ज्यादा सल्फर पाया जाता है। जिसे हिंदी में गंधक कहते हैं। जो कि पटाखे बनाने में इस्तेमाल होता है। ये सल्फर अंदर जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है।

टीवी या किसी भी प्रकार से प्रचारित की जाने वाली वस्तुओं के प्रयोग से बचें या सेवन ना करें। प्रयोग करने से पूर्व उस वस्तु के बनाने की विधि अवश्य जान ले।

गुड़ में पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि सभी पोषक तत्व है। गुड़ बनने के लिए बाहर से कुछ भी मिलाया नहीं जाता है। भोजन के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं क्योंकि ये भोजन को पचाने में बहुत मदद करता है

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