“त्रिदोष: आयुर्वेद में रोगों के निदान और उपचार का गहरा ज्ञान” (वात, पित्त, कफ)
त्रिदोष एक पूर्ण वैज्ञानिक सिद्धांत है जो आयुर्वेद की अद्भुत खोज है। इसके द्वारा रोग का निदान या उपचार के अतिरिक्त रोगी की प्रकृति समझने में सहायता मिलती है। त्रिदोष का मतलब होता है वात- पित्त- कफ। यदि त्रिदोष समावस्था में है तो शरीर स्वस्थ होगा और विषमावस्था में है तो अस्वस्थ होगा। वास्तव में […]
“पित्त प्राकृतिक और वात प्राकृतिक व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सुझाव”
(पित्त के प्रभाव वाले लोगों की दिनचर्या 14 वर्ष से 60 वर्ष तक) 1.–14 वर्ष से लेकर 60 वर्षों तक पूरा शरीर पित्त के प्रभाव में होता है। पित्त के लोगों का कफ कम हो जाता है और बात बहुत कम होता है। पित्त प्राकृति के लोगों की नींद 6 घंटे कम से कम और […]