1.लकवा (पक्षाघात) से बचाव और घरेलू उपाय

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लकवा /पक्षाघात होने पर रोगी का आधा शरीर संवेदनशील हो जाता है। पेट में अधिक गैस बनने, मस्तिष्क पर वायु का दबाव पड़ने और हृदय पर वायु का दबाव पढ़ने से शरीर पर वायु का झटका लगता है। उसी के परिणाम स्वरुप व्यक्ति लकवे का शिकार हो जाता है। स्नायु शिथिल हो जाते हैं। शरीर का आधा भाग टेढ़ा हो जाता है। उस भाग में सुन्नता रहती है तथा छूने पर कोई संवेदना नहीं होगी। दिमाग भी काम करना कम कर देता है। इसके घरेलू नुस्खे निम्नलिखित है:-
- Rhus. Tox.-30,15-15 मिनट पर तीन बार दो दो बूंद जीभ पर दें। कम से कम एक महीने तक सुबह दोपहर शाम।
2. चाय कॉफी
2. Causticum -1M, दूसरे दिन दो-दो बूंद 3 बार दे आधे घंटे या पौने घंटे के अंतर पर। हफ्ते में 1 दिन देनी चाहिए। दो-तीन महीने में पूरी तरह ठीक हो सकता है। हमेशा शाकाहारी भोजन दें। चाय कॉफी कभी मत दें।
3.गाय के घी
3. गाय का घी दो-दो बूंद रात में सोते समय थोड़ा गर्म करके डाल दे। मास्तिष्क में जमा हुआ खून को निकालने की ताकत गाय के घी में है।
4. राई और अकरकरा को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाएं और उसे शहर में मिलाकर पेस्ट बनाएं और दिन में तीन बार जीभ पर मले लकवा की शिकायत दूर होगी।
गाय के दूध,लहसुन
5. 250 मिली लीटर गाय के दूध में 8-10 लहसुन की कलियां डालकर उबालें। गाढ़ा होने पर रोगी को पिलाएं। बीमारी में आराम मिलेगा।
6. साउथ और औरत उबालकर उसका पानी पीने से लकवे में काफी लाभ होता है।
कपास की जड़, शहद
7. एक चम्मच कपास की जड़ का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है।
8. लहसुन के 5-6 कच्ची कलियों को पीसकर शहद में मिलाकर चाटें।

उड़द, कौंच के बीज, एरंड की जड़, बला, हींग, सेंधा नमक और शहद
9. उड़द+ कौंच के बीज+ एरंड की जड़+ बला+ हींग+ सेंधा नमक और थोड़ा शहद सभी बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाएं और रोगी को पिलाएं ।बीमारी में आराम मिलेगा।
10. 250 ग्राम सरसों के तेल में थोड़ी काली मिर्च पीसकर डालें और मालिश करें।
11. सन के बीजों का चूर्ण शहद में मिलाकर रोगी को चटायें ,लाभ मिलेगा।
कुचले के पत्तों, सांभर का सींग तथा सौंठ तीनों बराबर मात्रा में लेकर पानी में पिएं और लकवे वाले स्थान पर लगाएं।
तुलसी,सेंधा नमक और दही
12. तुलसी के 8-10 पत्ते, सेंधा नमक और दही की चटनी बनाकर लकवे वाले स्थान पर लेख करें।
लकवा /पक्षाघात होने पर रोगी का आधा शरीर संवेदनशील हो जाता है। पेट में अधिक गैस बनने, मस्तिष्क पर वायु का दबाव पड़ने और हृदय पर वायु का दबाव पढ़ने से शरीर पर वायु का झटका लगता है। उसी के परिणाम स्वरुप व्यक्ति लकवे का शिकार हो जाता है। स्नायु शिथिल हो जाते हैं। शरीर का आधा भाग टेढ़ा हो जाता है। उस भाग में सुन्नता रहती है तथा छूने पर कोई संवेदना नहीं होगी। दिमाग भी काम करना कम कर देता है। इसके घरेलू नुस्खे निम्नलिखित है:-

— Rhus. Tox.-30,15-15 मिनट पर तीन बार दो दो बूंद जीभ पर दें। कम से कम एक महीने तक सुबह दोपहर शाम।
— Causticum -1M, दूसरे दिन दो-दो बूंद 3 बार दे आधे घंटे या पौने घंटे के अंतर पर। हफ्ते में 1 दिन देनी चाहिए। दो-तीन महीने में पूरी तरह ठीक हो सकता है। हमेशा शाकाहारी भोजन दें। चाय कॉफी कभी मत दें।
— गाय का घी दो-दो बूंद रात में सोते समय थोड़ा गर्म करके डाल दे। मास्तिष्क में जमा हुआ खून को निकालने की ताकत गाय के घी में है।
— राई और अकरकरा को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाएं और उसे शहर में मिलाकर पेस्ट बनाएं और दिन में तीन बार जीभ पर मले लकवा की शिकायत दूर होगी।
— 250 मिली लीटर गाय के दूध में 8-10 लहसुन की कलियां डालकर उबालें। गाढ़ा होने पर रोगी को पिलाएं। बीमारी में आराम मिलेगा।
— साउथ और औरत उबालकर उसका पानी पीने से लकवे में काफी लाभ होता है।
— एक चम्मच कपास की जड़ का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है।
— लहसुन के 5-6 कच्ची कलियों को पीसकर शहद में मिलाकर चाटें।

— उड़द+ कौंच के बीज+ एरंड की जड़+ बला+ हींग+ सेंधा नमक और थोड़ा शहद सभी बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाएं और रोगी को पिलाएं ।बीमारी में आराम मिलेगा।
— 250 ग्राम सरसों के तेल में थोड़ी काली मिर्च पीसकर डालें और मालिश करें।
— सन के बीजों का चूर्ण शहद में मिलाकर रोगी को चटायें ,लाभ मिलेगा।
कुचले के पत्तों, सांभर का सींग तथा सौंठ तीनों बराबर मात्रा में लेकर पानी में पिएं और लकवे वाले स्थान पर लगाएं।
— तुलसी के 8-10 पत्ते, सेंधा नमक और दही की चटनी बनाकर लकवे वाले स्थान पर लेख करें।